History Gala: The Flying Jatt Milkha Singh

Sunday, June 20, 2021

The Flying Jatt Milkha Singh


  मिल्खा सिंह


भारत ने अपने नायाब हीरे को खो दिया. महान एथलीट मिल्खा सिंह अब हमारे बीच में नहीं रहे. उनका कोविड-19 की वजह से निधन हो गया. भारत की हर पीढ़ी मिल्खा सिंह को सलाम करती है. ओलिंपिक खेलों में वह भले ही मेडल जीतने से चूक गए थे लेकिन एक समय था जब दुनिया भर में उनके नाम का डंका बजता था. 

फ्लाइंग सिख' नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का जन्म साल 1929 में पाकिस्तान के मुजफरगढ़ के गोविंदपुरा में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाईयों का सामना किया. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त उनको भारत आना पड़ा लेकिन उस दौरान उन्होंने 14 में से आठ भाई बहनों और माता-पिता को खो दिया.इन सब यादों के साथ वो भारत आए और सेना में शामिल हो गए. सेना में भर्ती होना मिल्खा सिंह का सबसे जबर्दस्त फैसला था. इस फैसले ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी और एक क्रॉस-कंट्री रेस ने उनके प्रभावशाली करियर की नींव रखी. इस दौड़ में 400 से अधिक सैनिक शामिल थे और इसमें उन्हें छठा स्थान हासिल किया था.

मिल्खा सिंह ने 1956 में मेलबोर्न ओलिंपिक में 200 मीटर और 400 मीटर के दौड़ में भारत के प्रतिनिधित्व किया, परन्तु उस स्पर्धा में अनुभव की कमी के कारण कुछ विशेष नही कर पाए।

1958 में उन्होंने नेशनल गेम्स में 200 मीटर और 400 मीटर में रिकॉर्ड बनाये। बाद में एशियाई खेलों में उन्होंने इसी इवेंट में स्वर्ण पदक जीते। 1958 में उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 1962 में जकार्ता में एशियाई खेलों में 400 मीटर और 4×400 मीटर रिले में भी स्वर्ण पदक जीते।

उन्होंने 1958 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनके जीवन पर ‘भाग मिल्खा भाग’ नामक फिल्म भी बनी है। मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह एक स्टार गोल्फर हैं।

पाकिस्तान में हुए एक इंटरनेशनल एथलीट में मिल्खा सिंह ने भाग लिया. उनका  मुकाबला अब्दुल खालिक से हुआ. यहां मिल्खा ने अब्दुल को हराकर इतिहास रच दिया. इस जीत के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने उन्हें 'फ्लाइंग सिख' की उपाधि से नवाजा.

अब्दुल खालिक को हराने के बाद उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान मिल्खा सिंह से कहा था, 'आज तुम दौड़े नहीं उड़े हो. इसलिए हम तुम्हे फ्लाइंग सिख के खिताब से नवाजते हैं'. इसके बाद से मिल्खा सिंह को पूरी दुनिया में 'फ्लाइंग सिख' के नाम से जाना जाने लगा.



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